उपराष्ट्रपति वैकया नायडू ने राजस्थान के जल संसाधन व जलदाय विभाग के प्रमुख सचिव नवीन महाजन को दिया पुरस्कार

स्टेट डेस्क।
राजस्थान में बेहतर जल प्रबंधन, बांधों पर आईटी सिस्टम से माॅनिटरिंग, सूक्ष्म सिंचाई सहित अन्य बेहतर काम करने पर ‘राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2019’ की सामान्य श्रेणी में ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य’ का पुरस्कार मिला है। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय की ओर से आयोजित ऑनलाइन समारोह में उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने जल संसाधन विभाग के सचिव नवीन महाजन ने यह पुरस्कार दिया। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने की। जल संसाधन के क्षेत्र में बेहतर काम करने पर पिछले 15 महीनों में राजस्थान को यह सातवां बड़ा पुरस्कार मिला है। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय की ओर से हर साल देशभर में जल संसाधन प्रबंधन के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाने के लिए और हितधारकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय जल पुरस्कार दिए जाते है।
इन कार्यों की वजह से मिला पुरस्कार
जल संसाधन विभाग के सचिव नवीन महाजन ने बताया कि प्रदेश में जल उपयोग की दक्षता में वृद्धि, जल संचयन प्रबन्धन, सहभागिता दृष्टिकोण के माध्यम से समेकित जल संसाधन प्रबन्धन, सौर पंपों से सूक्ष्म सिंचाई, जल संचयन, सहभागिता सिंचाई प्रबंधन तथा माइक्रो इरिगेशन के तहत विशिष्ट कार्यों व उपलब्धियों के लिए यह पुरस्कार दिया है। यहां पर जल प्रबंधन में पारदर्शिता के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का उपयोग किया है। इसके साथ ही राजस्थान में जल उपयोगिता दक्षता वृद्धि के काम किए है। यहां पर सरहिंद फीडर और इन्दिरा गांधी फीडर (पंजाब भाग) की री-लाईनिंग, रेगिस्तानी क्षेत्र में राजस्थान वाटर सैक्टर री-स्ट्रक्चरिंग प्रोजेक्ट (एनडीबी द्वारा वित्त पोषित), राजस्थान जल क्षेत्र आजीविका सुधार परियोजना (जायका द्वारा वित्त पोषित), इन्दिरा गांधी नहर परियोजना द्वितीय चरण में सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की पहल जैसे काम किए है।

इन कार्यों को मिली सराहना
प्रदेश में नर्मदा नहर परियोजना, सांचौर में सूक्ष्म सिंचाई तकनीक पर देश में पहली प्रमुख सतही जल सिंचाई परियोजना को लागू किया है। सतही जल सिंचाई परियोजनाओं के तहत 2.72 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित की जा चुकी है तथा 4.4 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में काम हो रहे है। जल प्रबंधन में पारदर्शिता के लिए सिंचाई परियोजनाओं में स्काडा प्रणाली लागू की जा रही है। समारोह में इन कार्यों को सराहना मिली है।
सवा साल में सात बड़े पुरस्कार
राजस्थान को जल संसाधन के क्षेत्र विशिष्ट कार्यों के लिए गत करीब सवा साल की अवधि में यह 7वां बड़ा पुरस्कार प्राप्त हुआ है। राष्ट्रीय जल मिशन के तहत जल शक्ति मंत्रालय द्वारा सितम्बर 2019 में प्रथम राष्ट्रीय जल मिशन पुरस्कार के तहत प्रदेश को जल संरक्षण, वृद्धि एवं संरक्षण की श्रेणी में नर्मदा नहर परियोजना सांचौर के लिए प्रथम तथा पानी के उपयोग की दक्षता 20 प्रतिशत बढ़ाने की श्रेणी में आईजीएनपी स्टेज-2 के अन्तर्गत तेजपुरा माईनर के लिए द्वितीय पुरस्कार मिला था। फरवरी 2020 में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सिंचाई और शक्ति के सीबीआईपी पुरस्कार-2020 के तहत एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन श्रेणी में इंदिरा गांधी नहर परियोजना प्रणाली तथा सहभागी सिंचाई प्रबंधन श्रेणी में सम्पूर्ण राजस्थान को पुरस्कृत किया गया। इसी प्रकार अगस्त 2020 में जल इनोवेशन शिखर सम्मेलन में जल नवाचार पुरस्कार के तहत सर्वश्रेष्ठ राज्य जल बोर्ड की श्रेणी में इंदिरा गांधी नहर बोर्ड तथा नव प्रौद्योगिकी का समावेशन की कैटेगरी में नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट राजस्थान को पुरस्कार प्रदान किए गए थे।
तेरह श्रेणियों में दिए गए पुरस्कार
राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2019 के तहत 13 श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए गए। इसके लिए केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा श्री शशि शेखर, पूर्व सचिव, जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार की अध्यक्षता में पुरस्कार चयन समिति का गठन किया गया था। इस समिति द्वारा द्वितीय राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2019 के तहत सर्वश्रेष्ठ राज्य (सामान्य श्रेणी) के अन्तर्गत राजस्थान राज्य को तृतीय पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। तमिलनाडु को प्रथम तथा महाराष्ट्र को द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ।