
जल जीवन मिशन में गड़बड़ी पर सख्त PHED के ACS,
स्टेट डेस्क।
जल जीवन मिशन में पानी की टंकियां, पाइपलाइन, पंप हाउस बनाने के कार्यों व टेंडरों में हो रहे महाभ्रष्टाचार पर PHED के ACS सुधांश पंत अब PHED के इंजीनियरों पर नाराज व सख्त हो गए है। ACS पंत की नाराजगी के बाद CE (Adm.) राकेश लुहाड़िया ने दूदू प्रोजेक्ट के टेंडर व काम में हुई गड़बड़ियों की जांच के लिए विजिलेंस कमेटी बनाई है। कमेटी में एक्सईएन श्रीकृष्ण कुमार रोहिल्ला, एईएन बबली गुर्जर व एएओ रामावतार शर्मा को शामिल किया है। यह कमेटी 5 दिन में रिपोर्ट देगी।
कमेटी पर उठे सवाल:
केंद्र से अनुदानित जल जीवन मिशन में एक लाख करोड़ से ज्यादा के काम होने है। मिशन के शुरुआत में ही महाभ्रष्टाचार की शिकायतें आ रही है। दूदू प्रोजेक्ट इसकी एक बानगी है। लेकिन CE (Adm.) राकेश लुहाड़िया ने जांच कमेटी में केवल एक्सईन, एईएन व एएओ स्तर के अफसरों को शामिल किया है। जबकि कमेटी में एडिशनल चीफ इंजीनियर व लेखाधिकारी स्तर के अफसर को शामिल किया जाना था, इससे उनकी मिलीभगत या दबाव साफ दिख रहा है। बताया जा रहा है कि लुहाड़िया प्राइम पोस्टिंग के जुगाड़ में लगे है, ऐसे में इस मामले पर लीपापोती की कोशिश कर रहे है। ताकि इस प्रोजेक्ट के ठेकेदार व अफसरों की सहायता से जल जीवन मिशन के चीफ इंजीनियर का चार्ज ले सके। लुहाड़िया पहले मेटेरियल मैनेजमेंट शाखा में रहने के दौरान भ्रष्टाचार के मामलों में फंस चुके है।

दूदू पेयजल प्रोजेक्ट में यह हुई है गड़बड़ी :
जल जीवन मिशन में दूद विधानसभा क्षेत्र की 3 पंचायतों के 13 गांवों में हर घर नल कनेक्शन देने के लिए टेंडर हुआ। मैसर्स यादव कंस्ट्रक्शन कंपनी (किशनगढ़-रेनवाल, फुलेरा, जयपुर) को 28 मई को 17.62 करोड़ में वर्कऑर्डर दिया। इसके बाद 9 जून को स्कीम की ड्राइंग व डिजायन स्वीकृत की गई। लेकिन फील्ड में टेंडर प्रक्रिया के दौरान ही काम शुरु करवा दिया। ऐसे में टेंडर में ‘पुलिंग’ व मिलीभगत होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। ठेकेदार फर्म को पहले ही मालूम था कि काम उसी के आएगा और XEn, AEn व JEn के साथ मिलकर काम शुरू भी करवा दिया।
ACE सुधांश पंत है कड़क अफसर :
PHED के ACE सुधांश पंत प्रदेश में कड़क IAS माने जाते है। करीब 8 साल केंद्र में डेपुटेशन के बाद राज्य में लौटे है, लेकिन यहां पर PHED जैसे विभाग में ACE लगा दिया। हालांकि जल जीवन मिशन को पंत चैलेंज के तौर पर ले रहे है। उनकी पोस्टिंग के बाद स्वीकृतियों, टेंडर व वर्कऑर्डर में तेजी आई है। लेकिन विभाग के कुछ अफसर मतलब के लिए उनके नजदीगी बन गए और अनियमितताओं को अमली जामा पहनाने लगे। दूदू विधानसभा क्षेत्र के प्रोजेक्ट में इन अफसरों की करतूतों का खुलासा हुआ तो पंत नाराज हुए।
दूदू प्रोजक्ट में इनकी भूमिका है संदिग्ध:
ACE मनीष बेनीवाल : टेंडर किया और वर्कऑर्डर दिया
SE आरसी मीना : ड्राइंग व डिजाइन अप्रूव्ल की, तीन महीने पहले ही बूंदी से लाए गए
XEn योगेंद्र सिंह : इन्हे काम शुरु होने की जानकारी नहीं
AEn देवेश चौधरी : जेजेएम के लिए ही दूदू आए
JEnयुधिष्टर मीना : चंदलाई से सिफारिश ट्रांसपर
ठेकेदार फर्म : मैसर्स यादव कंस्ट्रक्शन कंपनी (किशनगढ़-रेनवाल, फुलेरा, जयपुर)

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