मेडिकल डेस्क।
दुनिया के ज्यादातर देशों की 20 लाख आबादी कोरोना वायरस संक्रमण का कहर झेल रही है। भारत में संक्रमण के 12 हजार से ज्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है तथा अब तक 414 मौतें हुई है। राहत की बात यह है कि 325 जिलों में कोरोना संक्रमण का कोई मरीज नहीं आया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के रमन गंगाखेडकर के अनुसार देश में पांच लाख रैपिड टेस्ट किट्स आ गए है तथा दो शिफ्टों में 78 हजार लोगों का टेस्ट किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 मई तक देश में लॉकडाउन बढ़ा दिया है, लेकिन इसके बाद भी रेड हॉट स्पॉट जोन को छूट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। जब तक ये ग्रीन जोन नहीं बन जाएंगे, तब तक यहां पर आम जनजीवन सामान्य नहीं होगा।
आपके जोन का मतलब:
रेड जोन: सबसे ज्यादा खतरनाक
ऑरेज जोन : स्थिति खतरनाक, लेकिन रेड से कम
ग्रीन : सेफ, सुरक्षित
कैसे बनेगा रेड से ग्रीन जोन :
देश में 708 जिले हैं। केंद्र सरकार ने 170 रेड हॉट स्पॉट चिन्हित किए है, वहीं 207 इलाकों को नॉन हॉट स्पॉट यानी ऑरेज जोन माना है।
गाइडलाइन के अनुसार रेड जोन से ऑरेज जोन का स्टेट्स बदलने में कम से कम 14 दिन का समय लगेगा। इसके बाद ग्रीन जोन मिलने में कम से कम 28 दिन का वक्त निर्धारित है। वहीं 28 दिन तक एक भी पॉजिटिव केस ना आने पर किसी जोन को ग्रान जोन घोषित किया जा सकता है।
ऐसे में साफ है कि 20 अप्रैल के बाद छूट मिलने की संभावना केवल ऑरेंज और ग्रीन जोन में रहने वालों के लिए होगी। रेड हॉट स्पॉट जोन में रहने वालों को 3 मई के बाद भी लॉकडाउन में छूट के लिए इंतजार करना पड़ेगा।