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Morgan Howen

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ACB ने पकड़ा जमीन के न्याय में भ्रष्टाचार, रिश्वत लेकर लिखे जा रहे थे रेवन्यू बोर्ड में फैसले

स्टेट डेस्क।
राजस्थान में न्यायिक प्रक्रिया की आड़ में रेवेन्यू बोर्ड में जमीन के न्याय में भ्रष्टाचार पनप रहा है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ACB ने रिश्वत लेकर जमीन के मुकदमों के फैसले लिखने के संदेह के घेरे में आए दो RAS अफसरों पर कार्रवाई की है।
ACB के DG बीएल सोनी के निर्देशन में बड़ी कार्रवाई RAS सुनील शर्मा व RAS बीएल मेहरड़ा पर की गई है। दोनों अधिकारी रेवन्यू बोर्ड के मेंबर है। इन दोनों अफसरों पर जमीनों से जुड़े फैसले बदलने के एवज में दलाल के जरिए रिश्वत लेने का आरोप है। दोनों अफसरों व दलाल के घर हुए सर्च कार्रवाई में 80 लाख रुपए नगद मिले है। दलाल को हिरासत में ले लिया है। दोनों RAS के ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई जारी है। इन दोनों अधिकारियों का दूसरे मेंबर व RAS अफसरों से जुड़े तार भी खंगाले जा रहे है। सूत्रों का कहना है कि दोनों अधिकारियों ने दूसरे साथी RAS व कुछ दलालों के जरिए पैसे लेकर जमीन के मुदकमों में अन्याय किया है तथा फैसले बदले है। दोनों अधिकारियों के दो साल के कॉल रिकॉर्ड की भी जांच की जाएगी। अजमेर स्थित दोनों के दफ्तरों को सील भी किया है।


कौन है शर्मा व मेहरड़ा :
RAS सुनील शर्मा दो साल से रेवन्यू बोर्ड में मेंबर है तथा 1994 बैंच के RAS है। यह जयपुर डिस्कॉम में सचिव (प्रशासन) व नगर निगम में उपायुक्त रह चुके है। इसके परिवार में भाई केके शर्मा भी जयपुर डिस्कॉम में चीफ इंजीनियर रहे है तथा बापूनगर रहते है। वहीं नागौर निवासी RAS बीएल मेहरड़ा एक साल से रेवन्यू बोर्ड के मेंबर है। तथा 1996 बैंच के RAS है तथा वैशालीनगर रहते है। मेहरड़ा दो साल से अजमेर में राजस्व अपील अधिकारी (आरएए) है। इससे पहले सीकर में आरएए थे। यानि करीब पांच साल से जमीनों के केसों की सुनवाई कर रहे है। सूत्रों का कहना है कि दोनों ही अधिकारी रेवेन्यू बोर्ड चैयरमेन आर. वेंकटेशवर के साथ सहज थे।


यह हुई है कार्रवाई
एसीबी महानिदेशक बी.एल. सोनी ने बताया कि रेवेन्यू बोर्ड के मेंबर बी.एल. मेहरड़ा और सुनील शर्मा के आवासों पर ये सर्च अभियान चलाया है। मेहरड़ा और शर्मा के जयपुर स्थित वैशाली नगर, बापू नगर स्थित आवास पर सर्च में करीब 80 लाख रुपए कैश मिला है। मामले में एक दलाल शशिकांत और दोनों अधिकारियों को भी हिरासत में लिया है।
मामले में कुछ और अधिकारियों के भी शामिल होने की आशंका है। एसीबी अधीक्षक अजमेर समीर सिंह ने बताया कि संभवत: दोनों अधिकारी अजमेर स्थित रेवेन्यू बोर्ड में रेवेन्यू से जुड़े मामलों में फैसले देने या बदलने की एवज में घूस लेते हैं। ACB की इंटेलीजेंस विंग को लंबे समय से शिकायत मिल रही थी। इसके बाद दोनों पर नजर थी। दलाल के घर पर भी छापा मारा है।

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