आरोप लगाने वाला ठेकेदार पहुंचा हाईकोर्ट

सिटी डेस्क।
जलदाय विभाग के सिटी सर्किल नार्थ में 68 लाख के टेंडर का बड़ा खेल सामने आया है. एसई अजय सिंह राठौड़ द्वारा डॉयनेमिक इलेक्ट्रोपॉवर कंपनी से करार पर सवाल उठने लगे हैं. अजय सिंह पर आरोप है कि बिना कमेटी की सिफारिश के डॉयनेमिक इलेक्ट्रोपॉवर कंपनी पर मेहरबान होकर अनुबंध कर दिया.
टेंडर में कमेटी सदस्यों के हस्ताक्षर ही नहीं
किसी भी कार्य के टेंडर के लिए एसई, टीए और अकांउटेंट के हस्ताक्षर होना जरूरी है लेकिन डायनेमिक इलेक्ट्रोपॉवर कंपनी से एक साल के करार में केवल एसई अजय सिंह राठौड़ के ही हस्ताक्षर है. इस अनुबंध के कागजों में टीए और अकांउटेंड के हस्ताक्षर ही नहीं हैं. ऐसे में डायनेमिक इलेक्ट्रोपॉवर कंपनी से टेंडर पर सवाल उठने लगे हैं हालांकि एसई अजय राठौड़ का कहना है कि नियमों के तहत ही टेंडर दिए गए. इसमें कोई गड़बड़ नहीं है.
किराए की वर्कशॉप वाली कंपनी से कैसे करार
डायनेमिक इलेक्ट्रोपॉवर कंपनी को पानी की बोरिंग मेंटेनेंस के लिए करार किया गया था लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि इस कंपनी की स्वयं की वर्कशॉप नहीं है. कॉन्ट्रेक्टर बनवारी लाल ने आरोप लगाया है कि किराए की वर्कशॉप वाली कंपनी के साथ कैसे करार किया जा सकता है? ये पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है. एसई अजय सिंह राठौड़ ने नियमों को ताक पर रखकर डायनेमिक इलेक्ट्रोपॉवर कंपनी को टेंडर दे दिया
विवादों के बाद कोर्ट पहुंचा मामला
इस पूरे मामले के बाद विवाद हाईकोर्ट पहुंच गया है. बनवारीलाल शर्मा ने इस पूरे प्रकरण को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई है. बनवारीलाल का कहना है कि इस टेंडर में कई तरह की खामियां है, जिसके चलते कोर्ट में याचिका लगाई है. अब देखना यह होगा कि आखिर पीएचईडी विभाग कब इस पूरे मामले पर संज्ञान लेगा और कब कार्रवाई होगी?
