सिटी डेस्क।
पब्लिक हैल्थ एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट (PHED) (जलदाय विभाग) में अब इंजीनियरों की हैल्थ बिगड़ने लगी है। छुटभैय्या नेताओं से गठबंधन व पार्टनरशीप बाद अब ठेकेदार ही तय करने लगे है कि इंजीनियर को काम करना है या हटाना है। ट्रांसफोर्ट नगर जेईएन निधि अवस्थी को भी कुछ ठेकेदारों व छोटे नेताओं की नाराजगी के चलते हैडक्वार्टर भेज दिया। बताया जा रहा हैै कि सरकारी टैंकर ट्रिप में हो रहे फर्जीवाड़ा व राजनैतिक सिफारिशों से मुफ्त में बांटे जा रहे पानी को लेकर सख्ती के बाद ठेेकेदार व छोटे नेताओंं की लॉबी उनको हटाने में लगी थी तथा विधायक रफीक खान से सिफारिश करवा कर एपीओ करवा दिया। उनका काम अब जेईएन रशीद खान देखेंगे। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि जेईएन मोबाइल फोन पर रेस्पॉन्स नहीं देती थी। इसको लेकर विधायक ने एडिशनल चीफ इंजीनियर देवराज सोलंकी से भी शिकायत की थी।
नेताओं के जरिए ठेकेदार करवाते है पोस्टिंग:
विभाग में ट्यूबवेल, पाइपलाइन व टैंकर के टेंडर लेने में कुछ ठेकेदारों का दबदबा हैै। ये ठेकेदार कम रेट पर टेंडर लेेते है तथा मनमर्जी से काम को वेरिफाई करवा कर एमबी भरवा लेते है। वेरिफाई में आना कानी करवाने वाले इंजीनियरों का तबादला भी करवा देते है। ट्यूबवेल बनाने के लिए पहली बार विभाग में दाखिल हुए ठेकदार की चर्चाओं के बाद अब टैंंकर ठेकेदार का दबदबा बढ़ता रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि ठेकेदारी में मोटी कमाई होने के कारण कुछ कॉन्ट्रेक्टर नेताओं का पूरा खर्चा वहन करते है। बदले में मनमाफिक इंजीनियर की पोस्टिंग करवाने की छूट मिलती है।