
नियमों में उलझा कर दफ्तर दफ्तर घूमती रही फाइल
सिटी डेस्क।
जयपुर डिस्कॉम में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग व कॉम्पलेक्स में 10 हजार फीट बिल्डअप एरिया की लिमिट के नियमों की आड़ में फील्ड इंजीनियर उपभोक्ताओं को जमकर परेशान कर रहे है। सांगानेर सबडिविजन के एक मामले में तो उपभोक्ताओं को प्रबंध निदेशक एके गुप्ता व एसीबी तक शिकायत करनी पड़ी। इसके बाद कनेक्शन जारी करने की मंजूरी दी। हालांकि कनेक्शन अभी तक नहीं हुआ है। अब फाइल अटकाने वाले हर अधिकारी की भूमिका की जांच होगी। नियमों व मंजूरी की आड़ में फाइल सहायक अभियंता, एक्सईएन, अधीक्षण अभियंता व चीफ इंजीनियर दफ्तर तक कई बार चक्कर लगाई।
उपभोक्ता का कहना है कि उपभोक्ता को घरेलू कनेक्शन एक सप्ताह में मिल जाना चाहिए, लेकिन सांगानेर सबडिविजन के एईएन ने बेवजह फाइल को इधर-उधर भेज दिया। पांच महीने तक दफ्तरों के बीच चक्कर लगाने पड़े। एमडी व एसीबी को शिकायत करने के बाद ही कनेक्शन का डिमांड नोटिस जारी हुआ। हर उपभोक्ता परेशान है।
जल्दी ही करवा देंगे कनेक्शन : सहायक अभियंता
जयपुर डिस्कॉम के एईएन सियाराम कोली का कहना है कि उपभोक्ता ने मार्च में कनेक्शन की फाइल लगाई थी। लेकिन लाॅकडाउन लग गया। मल्टीस्टोरी का कनेक्शन होने से सिविस विंग से जांच करवानी पड़ी। फाइल अधीक्षण अभियंता व चीफ इंजीनियर तक गई। प्रक्रिया पूरी करने के बाद डिमांड नोटिस जारी कर दिया। ट्रांसफार्मर लगा दिया है, एक दो दिन में कनेक्शन हो जाएगा।
10 हजार वर्ग फीट के नियम की उलझन :
जयपुर डिस्काॅम में 10 हजार वर्गफीट बिल्डअप एरिया की बिल्डिंग में कनेक्शन लेने पर केवल सामान्य चार्जेंज लगते है। लेकिन 10 हजार वर्ग फीट से ज्यादा बिल्डअप एरिया होने पर उपभोक्ता को ही बिजली लाइन व ट्रांसफार्मर सहित अन्य खर्चा उठाना पड़ता है। शिकायत है कि इस नियम को लेकर फील्ड इंजीनियर उपभोक्ताओं को परेशान कर रहे है। इंजीनियरों से सेटिंग नहीं होने पर दो से पांच लाख रुपए का डिमांड नोटिस दे दिया जाता है। वहीं बिल्डरों के फ्लैट वाली बिल्डिंगों में सामान्य रेट से ही धड़ल्ले से बिजली कनेक्शन हो रहे है। कई लोगों ने पहले भी प्रबंधन से इन मामलों की जांच करवाने की मांग की थी।
