
मेडिकल डेस्क।
राजस्थान में कोरोना संक्रमण कंट्रोल का प्रबंधन फेल साबित हो रहा है। प्रदेश में एक सप्ताह से महाकर्फ्यू व जन अनुशासन पखवाड़ा की पाबंदियों के बाद भी कोरोना संक्रमण केस लगातार बढ़ रहे है। प्रदेश में शनिवार को 15355 नए संक्रमित मरीज आए है और 74 मौते हुई है। सबसे ज्यादा जयपुर में 3260 केस है।
प्रदेश में कर्फ्यू व जन अनुशासन पखवाड़ा के बावजूद कोरोना का कंट्रोल नहीं होना चिंता का विषय है। हालात कंट्रोल नहीं हुए तो बड़े बाजारों, मॉल, सिनेमा को बंद रखना लंबा खींच सकता है।
कर्फ्यू की औपचारिता, सब कुछ खुला:
राजस्थान में शनिवार व रविवार को संपूर्ण लॉकडाउन है तथा प्रतिदिन शाम 6 से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू की घोषणा है। लेकिन मुख्य बाजार बंद है। जयपुर शहर में बाहरी इलाके के बाजारों में दुकाने व थड़ियां धड़ल्ले से खुलती है। पुलिस की पीसीआर के राउंड के दौरान कुछ देर बंद रहती है, फिर दुकानदारी होती है। फैक्ट्रियों में गाइडलाइन की पालना नहीं हो ही है। ऐसे में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण करने में लंबा समय लगने का अंदेशा जताया जा रहा है। व्यापार संघों ने आर्थिक भेदभाव के लिए प्रशासन को जिम्मेदार बताया है।
अनकंट्रोल कालाबाजारी व ब्लैकमेलिंग :
सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन व रेमेडीसिवरी मेडिसीन की मारामारी है। कई दवा वितरण ऑक्सीजन व दवाईयों की कमी बता कर कालाबाजारी कर रहे है तथा मनमानी कीमत वसूल रहे है। अस्पतालों में बैड नहीं होने की बात कह कर बैड के दुगने दाम वसूल रहे है। जयपुर जिला प्रशासन व सीएमएचओ की ओर से लोगों का दर्द दर्ज करवाने के लिए कोई कंट्रोल रूम व अधिकारी नहीं है। फोन रिसीव नहीं हो रहे है। लोगों का आरोप है कि सरकार व अधिकारी संवेदनहीन हो गए है।
जयपुर के इन इलाकों में जाने से बचे :

