
मेडिकल डेस्क।
जयपुर में वीकेंड महाकर्फ्यू के बावजूद रविवार को कोरोना महाविस्फोट हुआ और 24 घंटे में संक्रमण के 4456 नए केस आए है। इनमें से ज्यादातर मरीज गंभीर हालत में RUHS व बड़े अस्पतालों में पहुंचे, लेकिन अस्पातलों में ऑक्सीजन व बेड नहीं होने से मायूस लौटना पड़ा
राजस्थान की राजधानी जयपुर में प्रशासन और पुलिस की लापरवाही के कारण कोरोना संक्रमण कंट्रोल नहीं हो रहा है। प्रदेश में 2 सप्ताह से भी ज्यादा समय से चल रहे जन अनुशासन पखवाड़ा के नाम पर लॉकडाउन के बावजूद लोगों की आवाजाही जारी है और थड़ी- ठेलों पर भीड़ लगी रहती है। सड़कों पर निजी कार और दोपहिया वाहन धड़ल्ले से चल रही हैं। वीकेंड कर्फ्यू के बावजूद शहर के बाहरी इलाकों में पुलिस की नाकाबंदी के नाम पर केवल औपचारिकता ही चल रही है।

चिकित्सा व्यवस्था ध्वस्त, अस्पतालों में नहीं मिल रहे हैं बेड और ऑक्सीजन:
राजस्थान और जयपुर में कोरोना संक्रमण के मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण चिकित्सा व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। सरकारी अस्पताल RUHS मैं बड़े नेताओं और बड़ी ब्यूरोक्रेट की सिफारिश के बाद ही बेड मिल रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों को दिए कोविड-19 सेन्टर पर कुछ डॉक्टरों की मनमानी व मर्जी चल रही है। प्राइवेट अस्पतालों को दिए जा रहे ऑक्सीजन आवंटन पर भी जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग के अफसर रसों के आधार पर फैसला कर रहे हैं।
