
मेडिकल डेस्क।
राजस्थान के गांव व कस्बों में ज्यादातर परिवारों में लोग बीमार है और मौतें हो रही है। गांवों में क्लिनिकों व नीम हकीमों की दुकानों पर सुबह से शाम तक लोगों की भीड़ रही है। वहीं सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में कोरोना संक्रमण अब कम हो रहा है। प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के 14289 नए केस आए है तथा 155 लोगों की मौत हुई है। अब एक्टिव मरीज 2 लाख 12 हजार 753 हो गए है। दो सप्ताह बाद नए केस का आंकड़ा 15 हजार से नीचे गया है। हालांकि लोगों का आरोप है कि सैंपल कम लिए जा रहे है तथा गांवों में कोई जांच ही नहीं हो रही है।
जयपुर है सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित :
राजस्थान की राजधानी जयपुर कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित है, यहां पर 51 हजार 487 एक्टिव केस है। जयपुर में शुक्रवार को भी 2823 केस आए है तथा 58 मौते हुई है। जिले में अब तक 1457 लोग कोरोना के कारण जान गंवा चुके है।
राजस्थान में कभी भी रूक सकता है वैक्सीनेशन
राजस्थान में 45 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन कभी भी रुक सकता है। राज्य सरकार के पास इस उम्र के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए पर्याप्त डोज उपलब्ध नहीं है। इसके कारण कई ऐसे लोग भी है, जो सेकंड डोज लगाने से वंचित रह सकते हैं। सूत्रों की माने तो वर्तमान में राज्य में लगभग साढ़े 5 लाख डोज ही बची है, जिसमें से साढ़े तीन लाख डोज तो वो है, जो सरकार ने 18 से 44 साल की उम्र वालों के लिए सीधे कंपनी से खरीदी है।
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने भी गुरुवार काे एक बयान में कहा था कि हमें केन्द्र सरकार से अब तक 1.49 करोड़ डोज ही मिली है, जो 45 या उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए है। इनमें से हम अभी तक लगभग 1.42 करोड़ डोज लगा चुके हैं, जबकि 2.15 लाख डोज सेना को दे दी है। इसके अलावा एक मई से अब तक 18 से 44 साल की उम्र वालों के 5.96 लाख लोगों को डोज लगाई जा चुकी है। ऐसे में अब हमारे पास पर्याप्त मात्रा में स्टॉक नहीं होने के कारण वैक्सीनेशन पर संकट आ गया। जानकारी में आया कि केंद्र डिमांड से एक चौथाई वैक्सीन भी नहीं दे पाया है।
