
पॉलिटिकल डेस्क।
मानसून के काले बादलों के बीच ‘कांग्रेस सरकार’ का विमान भ्रमित हो गया है। प्रदेश कांग्रेस के विमान की कमान संभाल रहे ‘पायलट’ सचिन अब पैराशूट के जरिए कूदने की फिराक में है। ऐसे में गहलोत सरकार का ‘विमान’ संकट में फंस गया है। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देशों के बाद दिग्गज नेता अविनाश पांडे, अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला राजस्थान आ गए हैं तथा सोमवार सुबह मुख्यमंत्री निवास पर विधायक दल की बैठक में शामिल होंगे। उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के देर रात ‘अल्पमत में गहलोत सरकार’ के बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। जादूगर माने जाने वाले अशोक गहलोत रात भर इस संकट से निकलने के लिए विचार विमर्श करते रहे। माना जा रहा है कि राजस्थान में अब सचिन पायलट की सरकार बनना तय है। कांग्रेस अशोक गहलोत को हटाकर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बना सकती है या फिर सचिन पायलट भाजपा में जा सकते हैं। हालांकि सचिन गुट के माने जा रहे कुछ विधायकों ने रविवार रात मुख्यमंत्री आवास से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस का साथ देने का वादा किया है।
हम पूर्ण रूप से कांग्रेस के साथ :
राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोद की अफवाह के बाद बने हालात विकट होते जा रहे है। वहीं पायलट गुट के विधायक रोहित बोहरा, दानिश अबरार, चेतन डूडी, रघु शर्मा, हरिश चौधरी, प्रतापसिंह खाचरियावास, शाले मोहम्मद, सुखराम विश्नोई ने रविवार शाम सीएमआर में प्रेस कॉन्फ्रेस कर कहा कि – हम पूर्णरूप से कांग्रेस के साथ है।
एसओजी जांच नोटिस के बाद फूटा भांडा
राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में निर्दलीय व भाजपा विधायकों के साथ ही मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को भी एसओजी ने पूछताछ का नोटिस दिया है। इससे कांग्रेस में बगावत के हालात हो गए है। कई विधायकों ने अंदरखाने इसे बताया आपसी अविश्वास बढ़ाने वाला कदम। मुख्यमंत्री के विरोध खेमें कके विधायकों ने इस पर नाराजगी भी जताई है। उनका मानना है कि लोकतंत्र में ऐसी परंपराएं आपस में अविश्वास पैदा करती हैं।
संकट में कांग्रेस का अस्तित्व
मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान में भी सरकार गिरने के हालात हो गए हैं। युवा ब्रिगेड में माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद अब सचिन पायलट का भी भाजपा की ओर रुख करना कांग्रेस के अस्तित्व का संकट खड़ा कर रहा है।