
पॉलिटिकल डेस्क।
राजनीति के जादूगर माने जाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की गुगली को उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट नहीं समझ पाए। अब सचिन पायलट को कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष से हटाया जाना तय माना जा रहा है। अब गहलोत गुट के ही किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाएगी। पंचायत और नगर निकाय चुनाव के टिकट व सिंबल का वितरण वही प्रदेश अध्यक्ष करेंगे। इसके साथ ही अगले विधानसभा चुनाव तक रहेंगे। इसके साथ ही अशोक गहलोत ने भाजपा की ‘चाल’ को भी ‘मात’ दे दी है।
जिन्हें टिकट दिलाया उन्होंने ही पायलट का साथ छोड़ा
विधायक दल की बैठक में केवल 17 कांग्रेसी नहीं पहुंचे। इनमें सचिन पायलट, रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह, दीपेंद्र सिंह शेखावत, भंवर लाल शर्मा, वेद प्रकाश सोलंकी, राकेश पारीक, मुरारी लाल मीणा, जीआर खटाना, इंद्राज गुर्जर गजेंद्र सिंह शक्तावत, हरीश मीणा,विजेंद्र ओला, हेमाराम चौधरी, पी आर मीणा, रामनिवास गावड़िया, मुकेश भाकर व सुरेश मोदी शामिल है। जबकि सचिन पायलट खुद के साथ 30 विधायक होने का दावा कर रहे थे। माना जा रहा है कि जिन नेताओं को सचिन पायलट ने विधानसभा का टिकट दिलाया था उन्होंने ही साथ छोड़ दिया है।
होटल फेयरमाउंट में होगी बाडाबंदी
कांग्रेस विधायक खेमे में असंतोष के बाद भाजपा आलाकमान के वरिष्ठ नेता सक्रिय हो गए हैं। सरकार में तोड़फोड़ की आशंका को देखते हुए कांग्रेसी विधायकों की होटल फेयरमाउंट में बाड़ाबंदी होगी। विधायक दल की बैठक के बाद 4 बसों में कांग्रेसी विधायकों को होटल के लिए रवाना कर दिया है।उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के अगले कदम तक ही है बाडाबंदी जारी रहेगी।
भाजपा के खिलाफ निंदा प्रस्ताव
कांग्रेस विधायक दल की मुख्यमंत्री निवास पर हुई बैठक में भाजपा के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया। इसके साथ बैठक में शामिल नहीं होने वाले विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की हैं।

