
स्टेट डेस्क।
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बचाने के लिए बसपा छोड़कर विधायकों की भी सुनवाई नहीं हो रही है। क्षेत्र में पेयजल किल्लत की शिकायत बार-बार करने के बावजूद सुनवाई नहीं हुई तो उदयपुरवाटी विधायक राजेंद्र गुढ़ा जलदाय विभाग में चीफ इंजीनियर के चेंबर में ही लेट गए। चीफ इंजीनियर आर के मीणा का इस बात का कोई प्रभाव नहीं पड़ा कि सामने जनप्रतिनिधि जमीन पर लेटा हुआ है। चीफ इंजीनियर मीणा विधायक को अनदेखा कर अपने कार्य में जुटे रहे। चीफ इंजीनियर का रवैया देख विधायक गुढ़ा दफ्तर के परस्पर ही लेट गए और अनशन करने की चेतावनी दे दी। विधायक की मांग थी कि उदयपुरवाटी के गांवों में पेयजल सप्लाई सुधार करने के लिए जल जीवन मिशन से काम हो। लेकिन चीफ इंजीनियर का कहना था कि XEn प्रपोजल बनाने में लेट हो गया इसलिए प्रस्ताव नहीं भिजवाया जा सकता। विधायक की नाराजगी के बाद जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने चीफ इंजीनियर को दुबारा प्रपोजल बनाने के निर्देश दिए।इसके बाद ही विधायक वहां से उठे। विधायक का कहना था कि इंजीनियर तो केवल एक बार परीक्षा देकर नौकरी लग गए लेकिन जनप्रतिनिधियों को तो रोजाना ही क्षेत्र में परीक्षा देनी होती है। लोग पीने के पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे हैं।