
स्टेट डेस्क।
राजस्थान के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHED) में चीफ इंजीनियर के पावर को लेकर लड़ाई हो रही है। WSSO में बेआबरू होकर APO किए ACE अमिताभ शर्मा ने विभाग के ACS सुधांश पंत के पुराने जानकार ACE मनीष बेनीवाल के खिलाफ लड़ाई छेड़ दी है। यह लडाई अब राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण (ट्रिब्यूनल) व हाईकोर्ट तक पहुंच गई है। ट्रिब्यूनल ने ACE अमिताभ शर्मा व SE अजय सिंह राठौड़ की अपील पर विभाग को चीफ इंजीनियर की DPC तत्काल रोकने व आदेश जारी नहीं करने का ऑर्डर दिया है। ट्रिब्यूनल का कहना है कि डीपीसी से पहले अपीलार्थियों के अभ्यावेदन को तय करे। अब अगली तारीख दो सप्ताह बाद पड़ेगी। अपीलार्थियों की दलील है कि चीफ इंजीनियर का पद सिविल इंजीनियरिंग संवर्ग में आता है। ऐसे में अतिरिक्त चीफ इंजीनियर सिविल को ही पदोन्नति देकर ही चीफ इंजीनियर बनाया जा सकता है। जबकि डीपीसी में मेकेनिकल इंजीनियरिंग वाले एडिशनल चीफ इंजीनियरों को भी शामिल किया जा रहा है। डीपीसी रोकने से ACE मनीष बेनीवाल और ACE केडी गुप्ता का सपना टूट गया है। इस लड़ाई में ACE हुकमचंद वर्मा और ACE देवराज सोलंकी भी अपनी लड़ाई लड़ रहे है। वर्मा व सोलंकी भी DPC रोकना चाहते है। अब ACS सुधांश पंत के अगले कदम पर सब की नजर है। बताया जा रहा है कि अमिताभ शर्मा के भाई IAS अजिताभ शर्मा की CMO के कुछ अफसरों से नाराजगी के बाद बेनीवाल का पाला भारी है।

यह है विवाद:
सिविल इंजीनियरों का दावा है कि पीएचई सेवा नियम– 1968 में प्रावधान है कि चीफ इंजीनियर पोस्ट पर केवल सिविल कैडर को ही प्रमोशन मिले। लेकिन पिछले कुछ सालों से मैकेनिकल इंजीनियर लॉबिंग के कारण चीफ इंजीनियर पोस्ट पर अवैध कब्जा हो रहा है। सिविल कैडर की उपेक्षा की जा रही है। डीपीसी को तत्काल रोका जाए।
4 CE पोस्ट पर 9 का दावा :
विभाग में चीफ इंजीनियर के नौ पद है। डीपीसी 4 CE के लिए होगी। CE संदीप शर्मा पहले ही एडहॉक चीफ इंजीनियर बना चुके है और अब नियमित किया जा रहा है। जल जीवन मिशन व जोधपुर प्रोजेक्ट का पद खाली है तथा क्वालिटी कंट्रोल विंग के सीई आरसी मिश्रा का रिटायरमेंट होने से पद फरवरी में खाली होगा। चीफ इंजीनियर के चार पदों के लिए आठ दावेदार है। इसके अलावा सोहनलाल साल्वी, देवराज सोलंकी, हुकमचंद वर्मा, नीरज माथुर, राकेश जैन, अशोक गुप्ता, मनीष बेनीवाल व केडी गुप्ता में चीफ इंजीनियर की दौड़ में है। इसमें से सबसे चर्चित नाम एसीई मनीष बेनीवाल व देवराज सोलंकी का है। वरिष्ठता सूची 2020-21 में 11वें स्थान वाले एसीई (मैकेनिकल) मनीष बेनीवाल को चूरू सर्किल में रहने के दौरान अनियमितताओं के आरोप में मई 2020 में 16 सीसी में चार्जशीट देने के निर्देश थे, लेकिन उपसचिव आरएस मक्कड़ ने ऑडिट-जांच ड्रॉप करने के आदेश दे दिए। एक साल पहले एसीई पोस्ट पर होने के बावजूद उन्हे सीई बनाया जा रहा है। एक्सईएन रहने के दौरान भी उन्हे वित्तीय अनियमितताओं पर चार्जशीट दी थी, लेकिन डीपीओ ने विभाग की प्रशासनिक शाखा को जानकारी दिए बिना ही चार्जशीट ड्रॉप कर दी।