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Morgan Howen

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जयपुर डिस्कॉम से CMO नाराज, 24 घंटे में ही बिजली के 12 अधीक्षण अभियंता का तबादला निरस्त

पावर डेस्क।
जयपुर विद्युत वितरण निगम (JVVNL) के प्रबंधन की कार्यशैली से CMO बेहद नाराज है। प्रमोशन के बाद पोस्टिंग के नाम पर किए इन तबादलों की शिकायत CMO तक पहुंची और 24 घंटे में ही तबादला सूची निरस्त करनी पड़ी। जयपुर डिस्कॉम के चेयरमेन दिनेशकुमार व MD नवीन अरोड़ा को दूसरी बार बैकफुट पर आना पड़ा है। इससे पहले मार्च में भी चेयरमेन दिनेश कुमार ने तबादलों पर पाबंदी लगा दी थी। सूत्रों का कहना है कि राज्य में सियासी संकट चल रहा है। निर्दलीय व बसपा से कांग्रेस में आए MLA सरकार के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन तबादला सूची में इन के साथ ही कांग्रेस के MLA से मशविरा नहीं किया। इन MLA’s ने इसकी ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला से शिकायत की, लेकिन उन्होने तबादलों की फाइल नहीं आने की बात कही। इन विधायकों ने अपनी नाराजगी CMO तक पहुंचा दी। मुख्यमंत्री कार्यालय की फटकार के बाद बैकडेट में ट्रांसफर लिस्ट कैंसल कर दी। दूसरी ओर चीफ इंजीनियर की तबादला सूची पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
इन SE’s के तबादलों पर विवाद:
दौसा में लगाये SE जेएल मीना को भाजपा सांसद किरोड़ीलाल मीना का खास माना जाता है। जबकि ओमप्रकाश हुडला व मुरारीलाल मीना फिलहाल जेएल मीना को लगाने का विरोध था। करौली में मनमाफिक SE नहीं लगाने से बसपा से कांग्रेस में आए विधायक नाराज थे। जयपुर नगर वृत (JCC) के SE एसके राजपूत व व JPDC के SE हरिओम शर्मा को बदलना भारी पड़ा। इन दोनों को हटाने से जयपुर जिले के कई कांग्रेसी विधायक नाराज थे। मंत्री खाचरियावास और लालचंद कटारिया ने अधीक्षण अभियंता राजपूत को यथावत रखने के लिए कह रखा था वही राजेंद्र यादव लालचंद कटारिया ने भी JPDC के SE को नहीं बदलने की सिफारिश कर रखी थी।


भाजपा नेत्री के पति को बड़ी राहत :
तबादला निरस्त होने का सबसे बड़ा फायदा भाजपा नेत्री सुमन शर्मा के पति विनय शर्मा को मिला है। शर्मा फिलहाल प्राइम पोस्ट SE I&S पर लगे है। यहां मेटेरियल की खरीद व निरीक्षण का बडा़ काम है।
आरएसएस के चहेते गुप्ता को बड़ा फायदा :
एईएन से लेकर एसई तक विवादों में रहे एडिशनल चीफ इंजीनियर अशोक कुमार गुप्ता यानि एके गुप्ता को कोई नुकसान नहीं है। आरएसएस के नेताओं की नजदीकी से वे हमेशा प्राइम पोस्टिंग में रहे है। गुप्ता नगर निगम में डेपुटेशन पर भी रहे है। उनके परिजनों की पोल फैक्ट्री व फैब्ररीकेशन का ठेकेदारी का बड़ा काम है। इसके बावजूद उन्हे मेटेरियल मैनेजमेंट शाखा में लगाया है। सूत्रों का कहना है कि कई ठेकेदारों का गुप्ता को प्राइम पोस्टिंग देने का दबाव था।

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