जयपुर डिस्कॉम में पायलट प्रोजेक्ट, सफल होने पर अजमेर व जोधपुर डिस्कॉम के लिए भी विकसित होगा एप

स्टेट डेस्क।
प्रदेश में सरकारी बिजली निगमों में बिजली चोरी पकड़ने की मॉनिटरिंग अब मोबाइल एप के जरिए होगी। इसके साथ ही बिजली चोरी व ज्यादा लोड की विजिलेंस चैकिंग रिपोर्ट (वीसीआर) भी अब मोबाइल एप पर ऑनलाइन ही भरी जा सकेगी। इससे बिजली चोरी के जुर्माना को कम ज्यादा करने में इंजीनियरों की मिलीभगत व जनप्रतिनिधियों की सिफारिशों पर लगाम लगेगी। डिस्कॉम प्रबंधन का दावा है कि मोबाइल एप के बाद विजिलेंस की कार्रवाई में पारदर्शिता आएगी और बिजली चोरी कम होने से छीजत में कमी आएगी। फिलहाल विजिलेंस विंग के लिए बने मोबाइल एप को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जयपुर डिस्कॉम में लागू किया जा रह है। यहं पर सफल होने पर जोधपुर डिस्कॉम व अजमेर डिस्कॉम में भी लागू किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने शुक्रवार को मोबाइल एप लांच किया है। इस दौरान ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव व डिस्कॉम चेयरमेन दिनेश कुमार, जयपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक एके गुप्ता सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। मोबाइल एप जयपुर डिस्कॉम की आईटी विंग ने डवलप किया है।
इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि 2005 में बिजली छीजत 41 प्रतिशत थी, जो अब 18 फीसदी है। पिछले डेढ़ साल में 2 प्रतिशत से ज्यादा छीजत कम की है। प्रदेश में एक फीसदी छीजत कम होने से बिजली निगमों को 450 करोड़ की आय होती है। मोबाइल एप से उपभोक्ताओं को परेशानी नहीं होगी।
यह है विजिलेंस एप :
बिजली चोरी पकड़ने के दौरान उपभोक्ता व इंजीनियरों में मतभेद रहते है। उपभोक्ता का आरोप रहता है कि इंजीनियर मौके पर ही नहीं लगे और वीसीआर भर दी। इस विजिलेंस एप में बिजली चोरी पकड़ने वाले जगह के जिओ कॉर्डिनेट स्वत: ही केप्चर हो जाएंगे। इसके साथ ही फोटो व वीडियो भी अपलोड हो जाएंगे। वीसीआर नंबर भी जांच स्थल पर जनरेट हो जाएंगे इससे ऑनलाइन वीसीआर भर जाने के बाद जांच अधिकारी द्वारा बाद किसी भी बदलाव या गफलत की संभावना नहीं रहेगी। जुर्माना राशि भी कम या ज्यादा नहीं की जा सकेगी। मौक पर फोटो, पत्रावलियां व वीडियो अपलोड हो जाने से विजिलेंस कार्रवाई में पारदर्शिता आएगी। मौके पर ही उपभोक्ता व जांच अधिकारी के हस्ताक्षर मोबाइल स्क्रीम पर हो सकेंगे। जांच के साथ ही उपभोक्ता को उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस से विजिलेंस कार्रवाई की सूचना मिल जाएगी। इंजीनियर की ओर से बिजली कनेक्शन के लोड व उपकरणों की सूचना विजिलेंस एप पर फीड करने पर जुर्माना राशि की तत्काल गणना हो जाएगी। इससे मानवीय त्रुटि होने की संभावना भी नहीं रहेगी।
