
स्टेट डेस्क।
प्रदेश में आचार संहिता हटते ही तबादलों का ‘खेल’ शुरु हो गया है। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ( जलदाय विभाग-PHED) में भ्रष्टाचार के मामले में चार्जशीट ले चुके व एसीबी के मामलों में फंस चुके एडिशनल चीफ इंजीनियर मनीष बेनीवाल को जयपुर रीजन में लगाया दिया है। यहां लगे एसीई देवराज सोलंकी हटाया है। सोलंकी को अब बेनीवाल की जगह अतिरिक्त मुख्य अभियंता (शहरी) के पद पर लगाया है। पहले पूर्व प्रमुख सचिव संदीप वर्मा ने बेनीवाल को जयपुर ग्रामीण के अधीक्षण अभियंता पद से हटाया था। बताया जा रहा है राजनीतिक दबाव के बाद बेनीवाल को जयपुर रीजन में लगाया है। विभाग के जयपुर रीजन में फिलहाल 2000 करोड़ के प्रोजेक्ट व स्कीम चल रही है।
विवादित रहे है बेनीवाल :
मृतक आश्रित कोटे में सीधे सहायक अभियंता भर्ती हुए मनीष बेनीवाल भ्रष्टाचार के आरोपों में विवाद रहे है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में मामला दर्ज हो चुका है। पिछले सरकार ने तत्कालीन अधीक्षण अभियंता मनीष बेनीवाल सहित कई अभियंताओं को वर्कऑर्डर (टेंडरों ) की वित्तीय सीमा (फाइनेंस लिमिट) बढ़ाने की अनियमिताताओं के आरोपों के बाद सस्पेंड कर दिया था। इन्हे कार्मिक विभाग ने चार्जशीट भी थमाई थी। हालांकि ज्यादातर इंजीनियरों की चार्जशीट समाप्त हो गई है।

बेनीवाल पर यह भी है आरोप :
जयपुर जिले के जिला ग्रामीण खंड प्रथम में वर्ष 2012-13 व 2013-14 के दौरान तत्कालीन एक्सईएन मनीष बेनीवाल ने 28 करोड़ 26 लाख के बिल अनाधिकृत रुप से पास कर दिए। मुख्य अभियंता अनिल भार्गव भी इस मामले में विवादित रहे है। जब तत्कालीन पीएचईडी मंत्री किरण माहेश्वरी को इस मामले की जानकारी लगी तो जांच करवाई। जांच के बाद बेनीवाल को सस्पेंड कर दिया था। बाद में एक बड़े भाजपा नेता की सिफारिश पर उन्हे बहाल कर चुरु सर्किल का अधीक्षण अभियंता लगा दिया था। विभाग के तत्कालीन सचिव व वर्तमान में ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार ने वित्तीय अनियमिताताओं के आरोप लगाते हए बेनीवाल को सस्पेंड करने के आदेश दिए थे।