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Morgan Howen

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जयपुर डिस्कॉम: SE अनिल गुप्ता व XEn रावत का ‘वनवास’ खत्म, AEn डीके पुंडीर को भेजा NHAI

क्या ‘पर्दे’ के पीछे से डिस्कॉम को चला रहे है Ex. CMD R.G. Gupta ?


स्टेट डेस्क।
राजस्थान के ‘पावर सेक्टर’ में फिर ‘पावर’ को लेकर घमासान होने लगा है। कांग्रेस सरकार आने के बाद बिजली निगमों से हटाए CMD R.G. Gupta के खास माने जाने वाले इंजीनियरों को सवा दो साल बाद फिर से प्राइम पोस्टिंग देकर ‘वनवास’ खत्म कर दिया है। कोटा मीटर विंग के SE अनिल गुप्ता को फिर से जयपुर में पोस्टिंग देते हुए क्वालिटी कंट्रोल विंग में लगाया है। वहीं आमेर मीटर विंग में लगे XEn अशोक रावत को प्राइम CD-7 (विश्वकर्मा) में तबादला किया है। जबकि XEn एसके लालवानी को पहले ही CD-6 (सांगानेर) में लगाया जा चुका है। गु्प्ता, रावत व लालवानी तीनों इंजीनियर Ex. CMD R.G. Gupta के खास माने जाते है। ऐसे में चर्चाएं है कि अब पर्दे के पीछे से Ex. CMD R.G. Gupta डिस्कॉम में पूरा दखल दे रहे है। वर्तमान MD नवीन अरोड़ा भी गुप्ता के नजदीक रहे है तथा उनके कार्यकाल में डायरेक्टर टेक्निकल थे। बदले माहौल के बाद Ex. MD एके गुप्ता के ‘खास’ माने जाने वाले AEn डीके पुंडीर को NHAI में डेपुटेशन पर भेज दिया है। पुंडीर तेजतर्रार XEn सलीम अहमद की जगह काम करेंगे। सलीम का प्रमोशन होने वाला है, उन्हे भी Ex. CMD R.G. Gupta ने लगाया था। NHAI भारतमाला हाइवे प्रोजेक्ट सहित अन्य परियोजनाएं काम कर रही है।
स्मार्ट मीटर टेंडर को क्लीन चिट के बाद गुप्ता का दबदबा :
Ex. CMD R.G. Gupta पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता वसुंधरा राजे के खास माने जाते थे तथा स्मार्ट मीटर टेंडर गुप्ता के कार्यकाल में ही दिए थे। स्मार्ट मीटर टेंडर के वर्कऑर्डर को करीब डेढ़ साल तक केबिनेट सबकमेटी ने जांच में रखा, लेकिन पिछले साल राजस्थान में कांग्रेस नेता सचिन पायलट की बगावत के बाद आए सियासी संकट के बाद स्मार्ट मीटर टेंडर को भी क्लीन चिट दे दी गई। इसके बाद गुप्ता का दबदबा बढ़ गया।
इंजीनियरों की पोस्टिंग में ठेकेदारों का दखल:
सूत्रों का कहना है कि बिजली निगमों में इंजीनियरों की पोस्टिंग में ठेकेदारों का दखल रहता है। ताकि वर्कऑर्डर, एमबी भरने व फाइनल बिल में ठेकेदार अपनी मनमर्जी रख सके। पिछले दिनों टेक्निकल ऑडिट के नाम पर कुछ बड़ी कॉन्ट्रेक्टर कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करे व कुछ कंपनियों को बड़े टेंडर देने का खेल चल रहा था। लेकिन प्रबंधन बदलते ही मामला उलटा पड़ गया। अब टेक्निकल ऑडिट की रिपोर्ट ही बदल गई और जिनकी जांच हो रही थी, वो अपने खास इंजीनियरों को पोस्टिंग करवा रहे है।

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