
स्टेट डेस्क।
जयपुर की सबसे बड़ी राजधानी (कुकरखेड़ा) अनाज मंडी में रसूखदारों की दुकानों में तहखाना (बेसमेंट) और बरामदा में दीवार लगाने का ‘खेल’ चल रहा है। कृषि विपणन निदेशालय के निदेशक ताराचंद मीना की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने एकता मैन्यूफैक्चर एंड एक्सपोर्ट की दुकान बी-52-ए में बेसमेंट बनाने की स्वीकृति दे दी। जबकि मंडी में 800 दुकानें है तथा एक में भी बेसमेंट नहीं बना हुआ है। ऐसे में मंडी के मास्टर प्लान में दुकानों की टाइप व डिजाइन की एकरूपता का खुला उल्लंघन हुआ है।
केवल के ही दुकान को बेसमेंट बनाने की अनुमति का व्यापारियों ने विरोध भी किया, लेकिन रसूखदार व्यापारी की धमकी के आगे सब मौन हो गए। अब व्यापारियों के एक गुट ने मंडी सचिव, निदेशक व रसूखदार के खिलाफ विधानसभा में मामला उठाने के लिए कुछ विधायकों से संपर्क किया है। कृषि बिल के विरोध की आड़ में चल रहे खेल को भंड़ाफोड़ करने की तैयारी है।
नोटिस देने वाले सचिव का तबादला :
कृषि विपणन निदेशालय के वरदहस्त के कारण मंडी प्रशासन भी मूक दर्शक बना हुआ है। पिछले दिनों मंडी की दुकान में अनाज ग्रेडिंग की अवैध मशीन लगाने के खिलाफ नोटिस देने वाले सचिव प्रमोद सत्या को तबादला होने के बाद अधिकारी व कर्मचारी डर के साये में है।
