
स्टेट डेस्क।
प्रदेश में 2 अक्टूबर से चलने वाले प्रशासन गांव के संग व प्रशासन शहरों के संग अभियान का तहसीलदार, भू अभिलेख निरीक्षक और पटवारियों ने अपने संगठन राजस्व सेवा परिषद के जरिए विरोध कर दिया है। परिषद ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में प्रेस वार्ता में सरकार के सामने सात सूत्रीय मांग पत्र रखा है तथा 30 सितंबर तक कार्यवाही की मांग की। सरकार मांगे नहीं मानेगी तो राजस्व सेवा परिषद से जुड़े प्रदेशभर के तहसीलदार, नायब तहसीलदार, भूनिरीक्षक और पटवारी अभियान का बहिष्कार करेंगे। परिषद 27 सितंबर को एक दिन का पेन डाउन रखकर भी विरोध प्रदर्शन करेगी। राजस्थान तहसीलदार सेवा परिषद के प्रदेशाध्यक्ष विमलेंद्र राणावत, राजस्थान कानूनगो संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेशपाल सिंह चौहान और राजस्थान पटवार संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र निमिवाल, पटवार संघ के जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह कविया ने संबोधित किया।
यह है मांगे :
- पटवारी, भू अभिलेख निरीक्षक, नायब तहसीलदार व तहसीलदार के वेतनमान में सुधार हो।
- पटवारी के वेतनमान व प्रमोशन को लेकर 3 जुलाई 2021 को हुए समझौते को लागू करे। पटवारी की 9 साल की सेवा पर भू अभिलेख निरीक्षक का वेतन मिले।
- स्वायत्त शासन विभाग के 10 सितंबर के पत्र में पट्टों के रजिस्ट्रेशन का पावर सबरजिस्ट्रार के बजाए नगरीय निकाय के आयुक्त व अधिशाषी अधिकारियों को देने के निर्देश दिया है। यह राजस्व विभाग के अधिकारों पर अतिक्रमण है। पहले की तरह सबरजिस्ट्रार ही रजिस्ट्री करे।
- नायब तहसीलदार के पद को राजपत्रित अधिसूचित करते हुए इन्हे 100 प्रतिशत पदोन्नति से भरा जाए। तहसीलदार पद को 50 प्रतिशत पदोन्नति और 50 प्रतिशत सीधी भर्ती से भरा जावे।
- परिषद के सभी घटकों की कैडर स्ट्रेंथ में नवीन पदों का सृजन हो।
- स्पष्ट स्थानांतरण नीति बनाई जाए।
- आंदोलन के दौरान असाधारण अवकाश को उपार्जित अवकाश में बदला जाए।