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Morgan Howen

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जलदाय विभाग में ‘टेंडर खेल’ : शाहपुरा एक्सईएन ने वॉल्व चैंबर मेंटेनेंस के लिए 4.86 लाख के लगाए ‘ऑफलाइन’ दो टेंडर

एक ही सबडिविजन, एक ही तरह का काम, दो टेंडर
स्टेट डेस्क।
जलदाय विभाग (पीएचईडी) में भ्रष्टाचार व टेंडरों में मिलीभगत व पूल का खेल रोकने के लिए सरकार ने ऑनलाइन टेंडर का पाबंदी लगा दी। लेकिन पीएचईडी के इंजीनियरों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया। डिविजन में एक ही तरह के काम का एक टेंडर लगाने के बजाए, अलग अलग टेंडर जारी कर रहे है। विभाग में पांच लाख से ज्यादा राशि का टेंडर होने पर ऑनलाइन प्रक्रिया का प्रावधान है। जयपुर जिले के शाहपुरा डिविजन के एक्सईएन राजेश मीना ने भी कोटपूतली सबडिविजन की शहरी व ग्रामीण कनिष्ठ अभियंताओं की चौकियों पर वॉल्व चैंबर की मरम्मत करने के लिए 4.86 लाख लागत के दो अलग टेंडर (निविदा नं. 102 व 103) लगाए है। हालांकि दिनों टेंडर का फॉर्म 9 सितंबर तक एक्सईएन दफ्तर में बेचा जाएगा तथा अगले दिन यानि 10 दिसंबर को टेंडर खोल भी दिया जाएगा।
यह होता है ऑफलाइन टेंडर में खेल :
जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) में इंजीनियर जनता के स्वास्थ्य के बजाए ठेकेदारों की सेहत का ख्याल रख रहे है। सूत्रों का कहना है कि ऑफलाइन टेंडर में भ्रष्टाचार व मिलीभगत का खेल होता है। ठेकेदार (कॉन्ट्रेक्टर्स) को टेंडर दस्तावेज लेने के लिए एक्सईएन कार्यालय जाना पड़ता है। कई बार एक्सईएन या संबंधित इंजीनियर अपनी लॉबी के ठेकेदार को काम देना चाहता है तो विपक्षी लॉबी के ठेकेदारों को टेंडर फॉर्म ही नहीं देता है। यदि कोई दबाव लगा कर टेंडर फॉर्म ले भी जाता है तो उनका टेंडर जमा नहीं हो पाता है। जबकि ऑनलाइन टेंडर में इंजीनियरों को टेंडर लगाने वाले ठेकेदार की जानकारी नहीं होती है। ऐसे में टेंडर पूल होने की संभावना कम रहती है। कर्मचारियों का आरोप है कि वॉल्व चैंबर की मेंटेनेंस व लीकेज सुधारने के नाम पर जमकर फर्जीवाड़ा होता है।
एक्सईएन राजेश मीना 2015 में हो चुके है सस्पेंड :
पीएचईडी के दौसा उपखंड की पेयजल स्कीम के टेंडर सहित अन्य कार्यों में गड़बडिय़ों की पूर्व मंत्री किरण माहेश्वरी ने डिप्टी फाइनेंस एडवाइजर से जांच करवाई थी। जांच में 225 करोड़ का घोटाला होने के आरोप लगे थे। जांच के बाद डिविजन के एक्सईएन व सर्किल एसई आरोपी पाए गए थे। इसके बाद तत्कालीन एक्सईएन राजेश मीना, एक्सईएन अरविंद शर्मा, एडिशनल चीफ इंजीनियर आईडी खान, एक्सईएन हजारीलाल व राजेश शर्मा को सस्पेंड किया गया था। इसके बाद एक्सईएन राजेश मीना को सस्पेंड भी किया था तथा छह महीने बाद बहाल कर दिया था। डिविजन प्रथम में लगने के प्रयासों के दौरान एक विधायक ने उनके खिलाफ सरकार को चिट्‌टी भी लिखी थी।

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