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विद्युत अधिनियम संशोधन बिल-2020 में बिजली निगमों के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ विद्युत श्रमिक महासंघ (बीएमएस) ने मोर्चा खोल दिया है। महासंघ ने श्रम कानूनों में बदलाव का भी विरोध किया है। इसको लेकर सोमवार को भारतीय मजदूर संघ के कार्यालय में आपातकालीन बैठक हुई। बैठक में पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि सरकारी संपत्ति को औने पौने दामों में ठेकेदारों को सौंपा जा रहा है तथा जनता को महंगी बिजली दी जा रही है। इससे आम जनता की समस्याएं बढ़ रही है। किसी राष्ट्रीय एजेंसी से जांच करवाए बिना ही सरकारी विभागों को घाटे में बात कर निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। बैठक में तय किया कि मंगलवार को विद्युत प्रसारण श्रमिक संघ की ओर से प्रत्येग संभाग पर निजीकरण के िवरोध में ज्ञापन दिया जाएगा। बैठक में भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष बिशन सिंह, प्रदेश महामंत्री दीनानाथ, अखिल भारतीय विद्युत महासंघ के महामंत्री अमर सिंह सांखला, प्रदेश संगठन मंत्री हरिमोहन शर्मा, विद्युत श्रमिक महासंघ के महामंत्री विजय सिंह बाघेला सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद थे।

