
स्टेट डेस्क।
जयपुर के अचरोल में दिल्ली बाइपास वीडियोकोच बस बिजली लाइन से टकरा गई। इससे बस में करंट आ गया और आग लग गई। बस में बैठे 3 जनों की मौके पर ही मौत हो गई और 10 जनों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया है। बिजली लाइन के करंट से मौत होने के बावजूद डिस्कॉम के अधिकारी संवेदनहीनता दिखाते हुए इंजीनियरों को बचाने में लगे हुए है। ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला और प्रमुख सचिव दिनेश कुमार के साथ ही डिस्कॉम के एमडी एके गुप्ता व चीफ इंजीनियर डीसी अग्रवाल ने हादसे के लिए जिम्मेदार एक भी कर्मचारी व इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।
यहां पर 11 केवी हाइटेंशन लाइन का तार केवल 10 फीट की ऊंचाई पर ही था। लाइन की कई सालों से मेंटेनेंस ही नहीं हुई, जबकि सुधार के नाम पर लाखों रुपए का ठेकेदारों को पेमेंट कर दिया। इलाके में बिजली सिस्टम की मॉनिटरिंग करने वाले एक्सईएन एके सिंघल पर मेहरबानी करते बिना प्रमोशन ही दौसा सर्किल का अधीक्षण अभियंता बना दिया। लेकिन हादसा होने के कारण वे रिलीव नहीं हो सके। अचरोल डिस्कॉम के कुंडा की ढाणी उपखंड में आता है तथा यहां पर एईएन आरसी मीना व जेईएन गजेंद्र सिंह है। जयपुर जिला सर्किल के अधीक्षण अभियंता हरिओम शर्मा है। सिस्टम को बेहतर रखने की इन सब इंजीनियरों की जिम्मेदारी है।
विद्युत निगम की दलील :
विद्युत निगम के इंजीनियरों की दलील है कि एचटी लाइन 20 फीट ऊंचाई पर पुराने नाले में खींची हुई थी, लेकिन अचरोल में होटल रवि सूर्या के सामने नाले का मिट्टी से भराव कर दिया। इससे लाइन की ऊंचाई करीब 13 फीट ही रह गई। दिल्ली रोड पर जाम लगा हुआ था। स्लीपर बस के ड्राइवर ने बस को पीछे किया तो बिजली लाइन के तार से टक्करा गई। इससे करंट लगने के बाद आग लग गई।
सवाल जो मांगते है जवाब :
11 केवी एचटी लाइन की ऊंचाई कम से कम 20 फीट होनी चाहिए। लाइन की लगातार पेट्रोलिंग होनी चाहिए। जब नाले को मिट्टी से पाट दिया और हाइटेंशन लाइन की ऊंचाई कम रह गई तो एक्सईएन एके सिंघल, एईएन आरसी मीना व जेईएन गजेंद्र सिंह ने होटल वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं करवाई?
बस के तार से टकराने के बाद भी ग्रिड सब-स्टेशन में ब्रेकर ट्रिप क्यों नहीं हुआ?
बिजली लाइन की मेंटेनेंस क्यों नहीं की गई?
लाइन को ऊंचा क्यों नहीं किया गया ?