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Morgan Howen

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बेहद फलदायी है कामदा एकादशी, इस दिन भूल से भी न करें ये काम

कामदा एकादशी के इस व्रत के समान कोई अन्य व्रत नहीं होता है।

कामदा एकादशी का पर्व हर साल चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। यूँ तो साल में कई एकादशी मनाई जाती है लेकिन कामदा एकादशी के बारे में लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि इस व्रत की कथा भी जो इंसान पढ़ लेता है उसकी सभी मनोकामना अवश्य पूरी हो जाती है।
यही वजह है कि इस एकादशी को फलदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। फलदा का अर्थ होता है फल की प्राप्ति और कामदा का अर्थ होता है कामना को पूरा करने वाली। शास्त्रों में इस व्रत का ज़िक्र करते हुए इसे भगवान विष्णु के सबसे उत्तम व्रत का दर्जा दिया गया है।

कामदा एकादशी?

कामदा एकादशी का उपवास चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस साल कामदा एकादशी का व्रत 04 अप्रैल, शनिवार को है।

क्या है कामदा एकादशी का शुभ मुहूर्त?
कामदा एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी 04 अप्रैल, 2020 को 00:58 बजे से और एकादशी तिथि समाप्त होगी 04 अप्रैल, 2020 को 22:30 बजे।
पारण का समय, 05 अप्रैल 2020, प्रातः 06:10 से 08:40 बजे तक।
पारण के दिन हरि वासर समय समाप्त – 19:24 बजे (05 अप्रैल 2020)

कामदा एकादशी व्रत महत्व

कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन पूजन व्रत करने से इंसान के सभी तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं। कामदा एकादशी से मन और शरीर दोनों ही संतुलित रहते हैं, और इंसान की हर तरह के रोगों से रक्षा होती है।
अगर किसी इंसान की कोई अधूरी मनोकामना है तो इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से वो भी पूरी हो जाती है। लोगों के बीच इस व्रत को लेकर ऐसी मान्यता है कि अगर किसी का पति या बच्चा कोई बुरी आदत के चंगुल में फंस गया हो तो कामदा एकादशी के व्रत से उन्हें भी सही राह पर लाया जा सकता है।

कामदा एकादशी व्रत पूजन विधि

सबसे पहले सुबह स्नान करके सफ़ेद साफ़ और स्वच्छ वस्त्र पहनें और विष्णु देव की पूजा करें।

एकादशी के दिन निर्जला व्रत करना चाहिए।

पूजा में भगवान विष्णु को पीले गेंदे के फूल, आम या खरबूजा, तिल, दूध और पेड़ा चढ़ाएं और उनकी श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना करें।

‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाये’, इस मंत्र का जाप करें।

रात में सोये नहीं बल्कि भजन- कीर्तन करें।

एकादशी व्रत में दान-पुण्य, भोजन करवाना और दक्षिणा का बहुत महत्व माना गया है, ऐसे में हो सके तो किसी मंदिर के पुजारी को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा भेजकर ही विदा करें।

कामदा एकादशी की व्रत कथा

प्राचीन समय में भोगीपुर नगर में पुण्डरीक नामक राजा हुआ करता था। उसके नगर में बहुत सी अप्सराएं, गंधर्व, और किन्नर सभी रहा करते थे। राजा का दरबार सदैव इनसे भरा रहता था। राजा के दरबार में रोजाना ही गंधर्वों और किन्नरों का गायन हुआ करता था। इस नगर में एक बेहद खूबसूरत अप्सरा रहती थी जिसका नाम था ललिता, ललिता का पति ललित जो की एक गन्धर्व थे वो भी इसी नगर में रहते थे। दोनों के बीच अपार प्रेम था और वो दोनों हमेशा एक-दूसरे की यादों में ही खोये रहते थे।

एक समय की बात है जब ललित महल में गायन कर रहे थे तभी उन्हें अचानक से उनकी पत्नी की याद आ गयी और इस वजह से उनका उनके स्वर पर से नियंत्रण बिगड़ गया। वहाँ उस वक़्त कर्कट नाम का नाग मौजूद था जिसनें इस बात को तुरंत पकड़ लिया और जाकर राजा पुण्डरीक को सारी बात बता दी।
ये सुनकर राजा को ये बात अपने अपमान के समान लगी और उन्होंने ललित को राक्षस होने का श्राप दे दिया। राजा के श्राप के चलते ललित कई सालों तक राक्षस योनि में ही घूमते रहे। इस दौरान उनकी पत्नी भी उनका अनुसरण करती रही लेकिन अपने पति को इस हालत में देखकर वह हमेशा दुखी रहा करती थी।

ललित को उसी रूप में भटकते हुए वर्षों बीत गए। एक दिन भटकते-भटकते ललित और उनकी पत्नी ललिता विन्ध्य पर्वत पर रहने वाले ऋष्यमूक ऋषि के पास पहुँच गए जहाँ जाते ही ललिता ने अपने श्रापित पति के उद्धार का उपाय ऋषि से पूछा। दोनों की ऐसी हालत देखकर ऋषि को उन पर दया आ गई।
तब उन्होंने दोनों को कामदा एकादशी का व्रत करने का सुझाव दिया। ऋषि की बातें सुनकर और उनका आशीर्वाद पाकर गंधर्व और उनकी पत्नी अपने स्थान पर वापिस लौट आई और दोनों ने श्रद्धापूर्वक कामदा एकादशी का व्रत किया। इस एकादशी व्रत के फलस्वरूप ललित का श्राप मिट गया और वो अपने गन्धर्व स्वरूप में वापिस आ गए।

कामदा एकादशी के दिन ज़रूर करें इनमें से एक काम, दुखों से मिलेगा छुटकारा

इस दिन भगवान विष्णु को केवड़ा चढ़ायें, ऐसा करने से इंसान की तरक्की अवश्य होती है।

इस दिन भगवान विष्णु को आम, खरबूजा, तिल, दूध, और पेड़े का भोग लगाना अति-शुभ माना गया है।

कामदा एकादशी के दिन ब्राह्मण को पीला भोजन कराना बहुत शुभ माना गया है। ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

जीवन में खुशहाली चाहिए तो किसी ज़रूरतमंद को चने की दाल और पीले रंग की मिठाई दान करें।

अगर किसी की शादी में कोई दिक्कत आ रही है तो उन्हें विष्णु जी को हल्दी की दो साबुत गाँठ चढ़ाने की सलाह दी जाती है। भगवान को गाँठ चढ़ाने के समय मन में अपनी इच्छा भगवान को बताएं वो अवश्य पूरी होगी।

अगर कामदा एकादशी पर व्रत नहीं रख पाएं तो अवश्य करें ये काम

अगर आप किन्हीं भी कारणवश व्रत नहीं रख पा रहे हैं तो भी ऐसे कुछ काम बताये गए हैं जिन्हें करने से आपकी भी मनोकामना पूरी हो सकती है।

इस दिन सुबह उठकर स्नान करें और भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु की पूजा करें।

सात्विक रहें और अपने मन को पवित्र रखें।

इस दिन अन्न और भारी भोजन खाने से जितना हो सके परहेज करें।

ज्यादा से ज्यादा समय भगवान की पूजा में लगाएं।

कामदा एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ-साथ श्रीकृष्ण की पूजा का महत्व बताया गया है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की भी विधिवत पूजा करके इंसान अपने सभी पापों से मुक्ति पा सकता है।

कामदा एकादशी पर क्या ना करें

एकादशी पर चावल खाने से परहेज करना चाहिए।

एकादशी के दिन प्याज, लहसुन और बैंगन का सेवन भी वर्जित माना गया है।

कहते हैं कि एकादशी के दिन अगर कोई भी मांस, मदिरे का सेवन करता है तो उसे नरक की यातनाएं झेलनी पड़ सकती हैं।

इस दिन सेम का सेवन भी वर्जित माना गया है। एकादशी के दिन सेम का सेवन संतान के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

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